Sunday, August 10, 2014

तम कितना घना होगा?


तम कितना घना होगा?
ये तुमने सुना होगा.
तम कितना घना है-
ये मैने सहा है.

सब ने जिसे परखा,

और सब ने जिसे जाना.
परतों की परत करके,
अच्छे से जो पहचाना-
मुझ ही से ना मिल पाया,
जो मुझ मे रहा है.
छल कितना बड़ा होगा,
ये तुमने कहा है,
छल कितना बड़ा है,
जो मैने जिया है.

एक स्वर है कुछ दबा सा,
कोई नाम मेरे जैसा,
कहते हैं जिसे अपने,
सकुचा के डरते डरते.
मैं सुन के बुरा मानूं,
या उन पे बिफर जाऊं.
भय कितना पला होगा,
ये तुमने कभी सोचा
भय कितना पला है-
जो मैने किया है.


शिशिर सोमवंशी

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