उसने बस
प्रेम मात्र ही न।
उसके पास
विकल्प कहाँ थे,
तुम्हारे पास थे
निर्णय लेने के,
तुमने लिए।
वहीं
प्रेम के
एक
निर्णय से
उसने
अपने
समस्त
विकल्प
त्याग
दिये।
जो किया
तुमने
किया
उसने बस
प्रेम
मात्र ही न।
तुम्हारे सम्मुख थीं
प्राथमिकतायें
किन्तु उसकी
प्राथमिकता तुम थे ।
दोनों ने ही
अपने चयनित
जीवन जिये।
जो किया
तुमने
किया
उसने बस
प्रेम
मात्र ही न।
सफल तुम
रहे
कर्तव्य एवं
संबंध
निभा कर
असफल तो
वह भी
नहीं –
प्रेम
कर तुमको
बिना किसी प्रश्न
बिना कोई
परिवाद
किए।
शिशिर सोमवंशी
अच्छी रचना
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