Sunday, August 23, 2015

रूहानी सफर की हमसफर

मेरी दोस्त
मेरे रूहानी सफर की
बिना शर्त हमसफर
यह भी नहीं
भूलना कभी
मेरा प्यार भी तुम्हीं हो।












मेरे हौसलों की परवाज़
मेरे ख्वाबों की ताबीर
मेरे खुद से किए वादों
बदसूरत ज़िंदगी के
चंद खूबसूरत इरादों,
की जीत तुम हो,
उनकी हार भी तुम्हीं हो।

अपनी मजबूरियों का
वास्ता दे कर,
मेरे लिए कोई
सुनहरा सा
रास्ता दे कर,
दूर अपने से मुझको
जो करना चाहोगी,
एक सिसकते हुए,
उदास बच्चे को
याद कर लेना,
मुझे बस वहीं
पास कहीं पाओगी ।

शिशिर सोमवंशी 

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